प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति-तुक-कोश

२७. ७. २०१५-

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
कुण्डलिया हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला रचनाकारों से

आसमान में घिरी घटाएँ

  आसमान में घिरी घटाएँ,
और रात का भ्रम फैलाएँ
उजियार बोने की खातिर
सूरज एक किरण तुम दे दो।

आज हमारे घर आँगन से
तुलसी बिल्कुल लुप्त हो रही
नागफनी के दरबारों में
चर्चा कोई गुप्त हो रही।
मधुवन जैसी चली हवाएँ
तूफानों सा खौफ दिखाएँ

आँधी से लड़ने की खातिर
हिम्मत का बस कण तुम दे दो।

बन्दूकों की फसल उग रही
बारूदों का जमा खजाना
तुरही चीख रही है नभ में
चाहे अमन-चैन पर छाना।
पार कर गयी सब सीमाएँ
किस पर क्या अधिकार जताएँ

इन सबसे बचने की खातिर
शांति अहिंसा क्षण तुम दे दो।

आज खेत को मेड़ खा रहा
राग भैरवी साथ गा रहा
खत्म हो चुका जल आँखों का
पॉप सॉन्ग सर्वत्र छा रहा।
हुई बेसुरी सभी दिशाएँ
कौन-कौन से साज बजाएँ

इनसे हटकर अब चलने का
मुझको पावन प्रण तुम दे दो।

- मालिनी गौतम
इस सप्ताह

गीतों में-

bullet

राम अवतार सिंह तोमर ''रास''

अंजुमन में-

bullet

डॉ. भावना

छंदमुक्त में-

bullet

अश्विन गांधी

हाइकु में-

bullet

वर्षा पर अनेक रचनाकार

पुनर्पाठ में-

bullet

अल्पना सिंह

पिछले सप्ताह
२० जुलाई २०१५ के अंक में

गीतों में-

bullet

मालिनी गौतम

अंजुमन में-

bullet

कल्पना रामानी

छंदमुक्त में-

bullet

अश्विनी कुमार विष्णु

छोटी कविताओं में-

bullet

सुधीर विद्यार्थी

पुनर्पाठ में-

bullet

प्रदीप कुमार

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

Google
Loading

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी