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ओ पहले बादल |
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मौसम के
ओ पहले बादल
आना भी तुम फिर
आना कल
बरस बाद बरसे तुम आ कर
बाहर भीतर आखर आखर
दिन बीते पीले पातों के
प्राण होगये
सागर सागर
तुम जैसे
निर्धन का धन हो
एक एक दिन
एक एक पल
कोर कोर पुतरी है नाचे
शब्द शब्द सुधियों के बाँचे
आज विरह ने गीत मिलन के
फूल फूल मन
विजन सवाँचे
बूँद बूँद
यह प्यास हुई
धीरे धीरे
खुद गंगाजल -
चंद्रप्रकाश पांडेय |
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इस सप्ताह
गीतों में-
अंजुमन में-
छंदमुक्त में-
ताँका में-
पुनर्पाठ में-
पिछले
सप्ताह
श्रीकृष्ण
जन्माष्टमी विशेषांक में
गीतों में-
अश्विनी
कुमार विष्णु,
अनिल
मिश्रा,
कमलेश कुमार दीवान,
कृष्णनंदन मौर्य,
जयकृष्ण तुषार,
पंकज परिमल,
पद्मा
मिश्रा,
पवन
प्रताप सिंह पवन,
डॉ. प्रदीप
शुक्ल,
रविशंकर
मिश्र रवि,
शशि
पुरवार,
सतपाल
ख़याल,
सीमा
अग्रवाल,
सीमा
हरिशर्मा,
सौरभ
पांडेय,
त्रिलोक
सिंह ठकुरेला। अंजुमन में-
कल्पना रामानी,
वीसी
राय नया,
सुरेन्द्रपाल वैद्य।
छंदमुक्त में-
परमेश्वर
फुँकवाल,
विकासानंद।
लोकरंग में-
आराधना द्विवेदी,
हरिओम
श्रीवास्तव (कहमुकरी),
डॉ. पवन
विजय (कजरी)। छंदों में-
ओमप्रकाश-नौटियाल,
शशि
पाधा,
सरिता
भाटिया (दोहे),
राम
शिरोमणि (दोहे, सवैया),
ज्योतिर्मयी
पंत (कुंडलिया),
सुरेश
कुमार सौरभ (कुंडलिया),
हरिवल्लभ शर्मा (घनाक्षरी)
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