मन करता है
लौट आएँ फिर
पुराने दिन
चबूतरे
चौपाल
आल्हा और ऊदल के
बाँसुरी और गदबदाते
नीम पीपल के
पर्व मेलों के
मल्हारों के
सुहाने दिनमन करता
है
लौट आएँ फिर
पुराने दिन
तुलसी की
गंध लिये
चौकपुरे आँगन के
नेह पगे
बतरस के
झरबेरी जामुन के
प्याए से
तन- मन
लुभाते दिन
मन करता है
लौट आएँ फिर
पुराने दिन
-सावित्री
परमार |