प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

१०. २. २०१४

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
कुण्डलिया हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला

1
कैसे धीर धरे मन नाविक
1

 ११११११११११ कैसे धीर धरे मन-नाविक
नाव पुरानी है
दरिया में तूफान उठा है
गहरा पानी है

आये हैं फिर वही प्रवासी
उजले पाँखों के
सोन मछरिया की तलाश में
करतब आँखों के
इनकी भक्ति जगत जाहिर यह
कथा-कहानी है

अब भी जाग रहे हैं किस्से
बन्दरगाहों में
अनचाहे मेहमान आ गये
अपनी बाँहों में
पीठ-पीठ जख्मों की गहरी
पड़ी निशानी है

बँधे हाथ, स्वागत मुद्राएँ
जय जयकारों में
छले जा रहे हैं अब भी हम
खड़े कतारों में
दवा बाँटने वाले हाथों
जहर खुरानी है

-जयप्रकाश नायक

इस सप्ताह

गीतों में-

bullet

जयप्रकाश नायक

अंजुमन में-

bullet

अमित दुबे

छंदमुक्त में-

bullet

शशिकांत सिंह शशि

दोहों में-

bullet

कुलभूषण व्यास

पुनर्पाठ में

bullet

धनपत राय झा
 


 

पिछले सप्ताह
३ फरवरी २०१३ के अंक में

गीतों में-
रोहित रूसिया

अंजुमन में-
मदन मोहन अरविन्द

छंदमुक्त में-
अमरेन्द्र सुमन

कुंडलिया में-
टीकमचंद ढोडरिया

पुनर्पाठ में-
ओमकृष्ण राहत

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

Google
Loading

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी
   
 

१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०

website metrics