प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

२५. ११. २०१३

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
कुण्डलिया हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला

नींद सुख की

            

  नींद सुख की फिर हमें सोने न देगा
यह तुम्हारे नैन में तिरता
हुआ जल

छू लिए
भीगे कमल भीगी ॠचाएँ
मन हुए गीले बहीं गीली हवाएँ
बहुत सम्भव है डुबो दे सृष्टि सारी
दृष्टि के आकाश में घिरता
हुआ जल

हिमशिखर,
सागर, नदी-झीलें, सरोवर
ओस, आँसू, मेघ, मधु-श्रम-बिंदु, निर्झर
रूप धर अनगिन कथा कहता दुखों की
जोगियों-सा घूमता-फिरता
हुआ जल

लाख बाँहों में
कसें अब ये शिलाएँ
लाख आमंत्रित करें गिरि-कंदराएँ
अब समंदर तक पहुँचकर ही रुकेगा
पर्वतों से टूटकर गिरता
हुआ जल

-किशन सरोज

इस सप्ताह

गीतों में-

bullet

किशन सरोज

अंजुमन में-

bullet

अश्वनि शर्मा

छंदमुक्त में-

bullet

गोविंद कुमार गुंजन

छोटी कविताओं में-

bullet

परमेश्वर फुँकवाल

पुनर्पाठ में-

bullet

संकेत गोयल

पिछले सप्ताह
१८ नवंबर २०१३ के अंक में

गीतों में-
देवेन्द्र सफल

अंजुमन में-
चंद्रभान भारद्वाज

नई हवा में-
मधुर त्यागी

हाइकु में-
शशि पुरवार

पुनर्पाठ में-
अंजल प्रकाश

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

Google
Loading

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी
   

 

१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०