प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 
पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

१५. ४. २०१३

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
भक्ति सागर हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला

1उन्माद

 

 

 

 

 

 

 

 

 

कब तक यह उन्माद चलेगा
कितना कौन पिये !

बाँह बाहुबल
झुठलाने को तुली हुई है खुली हथेली,
गाँठी गाँठी सधी हुई है रहमहीन वर्तुली पहेली,
अँगुली अँगुली खुली चुनौती
कितना
कौन जिये !

कब तक यह उन्माद चलेगा
कितना कौन पिये !

दया धर्म के
दिन झुठला कर बाँह चढी है नख की पीड़ा,
मन मंसूबे खोखल करता कुतर रहा दिल घुन का कीड़ा,
छिन छिन छलनी होती छाती
कितना
कौन सिये !

कब तक यह उन्माद चलेगा
कितना कौन पिये !

- भोलानाथ

इस सप्ताह

गीतों में-

bullet

भोलानाथ

अंजुमन में-

bullet

खान हसनैन आकिब

छंदमुक्त में-

bullet

शेषनाथ प्रसाद

क्षणिकाओं में-

bullet

प्रो. विश्वम्भर शुक्ल

पुनर्पाठ में-

bullet

सौमित्र सक्सेना

पिछले सप्ताह
८ अप्रैल २०१३ के अंक में

गीतों में-

bullet

मृदुल शर्मा

अंजुमन में-

bullet

महावीर उत्तरांचली

नई हवा में-

bullet

संदीप रावत

दोहों में-

bullet

रघुविन्द्र यादव

पुनर्पाठ में-

bullet

अनामिका

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

Google
Loading

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी
   
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०