सूरज फिर
से हुआ लाल है
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चलो, भाई
चलो...
रैली में
मसीहा ने बुलाया है
खेत के, खलिहान के
सब काम छोड़ो
बैनरों से-पोस्टरों से
नाम जोड़ो
चलो
देखो-
महल सपनों का
मसीहा ने बनाया है
पेट भरने को
मधुर भाषण वहाँ हैं
ओढ़ने को-
ढेर आश्वासन वहाँ हैं
चलो-
सुनने
फिर मसीहा ने
प्रगति का गीत गया है
हम वहाँ झंडे
कभी नारे बनेंगे
जलूसों के बीच
जयकारे बनेंगे
हम इसी के
वास्ते हैं-
यह मसीहा ने बताया है।
--जय चक्रवर्ती |