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भैंस कटोरा ताल में
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भैंस कटोराताल में
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हम भी क्या हैं
आधे पागल
छलका डाली पूरी छागल
अटक गई है प्यास हलक में
पानी है भोपाल में
भैंस कटोराताल में
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ऊधो कहते
माधो सुनते
अपनी-अपनी तानी बुनते
बहस छिड़ी जीने मरने पर
पान दबे हैं गाल में
भैंस कटोराताल में
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धींगा मस्ती
का आलम है
गुल चिराग है पगड़ी गुम है
फुदक रही है एक चिरैया
बहेलिया के जाल मे
भैंस कटोराताल में
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- राम सेंगर
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