प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 
पत्र व्यवहार का पता

  २४. १. २०११

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला

मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम

 

ऐ अमरों की जननी, तुमको शत-शत बार प्रणाम,
तेरे उर में शायित गांधी, 'बुद्ध औ' राम,
मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम।
1
हिमगिरि-सा उन्नत तव मस्तक,
तेरे चरण चूमता सागर,
श्वासों में हैं वेद-ऋचाएँ
वाणी में है गीता का स्वर।
1
ऐ संसृति की आदि तपस्विनि, तेजस्विनि अभिराम।
मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम।
1
हरे-भरे हैं खेत सुहाने,
फल-फूलों से युत वन-उपवन,
तेरे अंदर भरा हुआ है
खनिजों का कितना व्यापक धन।
1
मुक्त-हस्त तू बाँट रही है सुख-संपत्ति, धन-धाम।
मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम।
1
प्रेम-दया का इष्ट लिए तू,
सत्य-अहिंसा तेरा संयम,
नयी चेतना, नयी स्फूर्ति-युत
तुझमें चिर विकास का है क्रम।
1
चिर नवीन तू, ज़रा-मरण से - मुक्त, सबल उद्दाम।
मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम।
1
एक हाथ में न्याय-पताका,
ज्ञान-द्वीप दूसरे हाथ में,
जग का रूप बदल दे हे माँ,
कोटि-कोटि हम आज साथ में।
1
गूँज उठे जय-हिंद नाद से सकल नगर औ' ग्राम।
मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम।

- भगवती चरण वर्मा

इस सप्ताह
गणतंत्र दिवस के अवसर पर

गीतों में-

bullet

भगवतीचरण वर्मा

bullet

देवमणि पांडेय

bullet

श्रीकृष्ण सरल

bullet

डॉ. सूरजपाल सिंह

bullet

गोपालकृष्ण भट्ट आकुल

bullet

पवन चंदन

दोहों में-

bullet

राम निवास मानव

bullet

गोपालदास नीरज

bullet

राजेश चेतन

bullet

राजेन्द्र वर्मा

अंजुमन में-

bullet

नीरज गोस्वामी

bullet

महेश मूलचंदानी

bullet

दिगंबर नासवा

छंदमुक्त में

bullet

कमलेश कुमार दीवान

bullet

नागार्जुन

bullet

संजीव सलिल

bullet

हिमांशु कुकरेती

मुक्तक में-

bullet

श्रवण राही, चिराग जैन, रामेश्वर कांबोज हिमांशु, राजेन्द्र सोलंकी

पुनर्पाठ में-

संकलन - मेरा भारत

पिछले सप्ताह
१७ जनवरी २०११ के अंक में

गीतों में- शंभुनाथ सिंह, अंजुमन में- कृष्ण कन्हैया, छंदमुक्त में- वर्तिका नंदा, हाइकु में- सुधा गुप्ता, पुनर्पाठ में- डॉ. शीला मिश्रा

अन्य पुराने अंक

अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्रामगौरवग्रंथदोहेपुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

Google

 

Search WWW  Search anubhuti-hindi.org


प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग : दीपिका जोशी

 
   
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०