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        आ रही है अब सर्दी

 

होशियार हो जाओ आ रही है अब सर्दी
सबको ये डरायेगी बर्फ की पहन वर्दी

दाँत किटकिटायेंगे रूह काँप जायेगी
रूप जब दिखायेगी माघ पूस में सर्दी

सिर्फ सूती कपड़े में रात में निकल आये
शाल भी नहीं ओढ़ी आपने भी हद करदी

बैठकर रजाई में गर्म गर्म काफी को
घूँट घूट कर पीना लग गई हो जब सर्दी

चल रही हो जब पसली और नाक बहती हो
गर्म दूध पीना तब डालकरके गुड़ हल्दी

धुंध और.कुहरे से तंग आ गया सूरज
सुब्ह देर से जागे है नहीं उसे जल्दी

कान को उमेठेगी फिर कहेगी सर्दी ये
देख मुझसे डर थ़ोड़ा मत दिखा जवाँमर्दी

- राम अवध विश्वकर्मा
१ दिसंबर २०२०

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