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        विजय जीत लूँगा

 
अजय जीत लूँगा विजय जीत लूँगा
मिला सामने तो अनय जीत लूँगा

अगर मिल गये साथ रहने के मौके
तो' सचमुच किसी का हृदय जीत लूँगा

भले हार जाऊँ भरी जिन्दगी पर
नयन के मिलन का समय जीत लूँगा

न हैं हाथ में चाँदनी के दिये मैं
गगन में अगन का उदय जीत लूँगा

अरे ! पर्व यह दशहरे का निराला
सुनो राम, रावण अभय जीत लूँगा

- उमाप्रसाद लोधी
१ अक्टूबर २०२१

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