|
राममय हो जाए तो
जिन्दगी गर राममय हो
जाए तो
बिन्दु जो खुद सिन्धु में
मिल जाए तो
गर सर्मपण हो सके हनुमान सा
भक्त भी हो जाएगा भगवान सा
राममय संसार का ही अर्थ है
राम का आधार तो आदर्श है
शक्ति हो फिर भी न कोई गर्व हो
राममय उज्जवल हृदय
मिल जाए तो
प्रेम पूजा और प्रजा का ध्यान हो
नारि का घर-घर जो सम्मान हो
राम मर्यादा में बँधने की कला
जिसने पाई वो ही धरती पर फला
हो सफल मानव की इस धरती पे पूजा
यह कला गर साँस में
घुल जाए तो,
-उमेश मौर्य |
|