विजयदशमी की कविताओं का संकलन
 

 

राम का आदर्श अपनाएँ सभी

जिन्दगी में राम का आदर्श अपनाएँ सभी।
इस धरा पर स्नेह के ही फूल महकाएँ सभी।

बढ़ रहे हैं पाप अत्याचार जब चारों तरफ।
साथ देने धर्म का आगे चले आएँ सभी।

राह में है मुश्किलों के दौर का खतरा बहुत।
धैर्य मजबूती लिये इन पर विजय पाएँ सभी।

राम ने निज जिन्दगी को दूसरों हित ही जिया।
राम के आदर्श का यह मर्म अपनाएँ सभी।

रावणों का राज ही जब आ गया है देश में,
संगठित होकर विजय की शक्ति दिखलाएँ सभी।

- सुरेन्द्रपाल वैद्य


 

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