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दुर्गा दुर्गति
नाशिनी (दोहे)
दुर्गा! दुर्गतिनाशिनी, दक्षा दयानिधान
दुष्ट-दंडिनी, दध्यानी, दयावती द्युतिवान
दीपक दीपित दयामयि!, दिव्याभित दिनकांत
दर्प-दर्द-दुःख दमित कर, दर्शन दे दिवसांत
देह दुर्ग दुर्गम दिपे, दिनकरवत दिन-रात
दुश्मन&दल दहले दिखे, दलित&दमित जग&मात
दमनक दैत्य दुरित दनुज, दुर्नामी दुर्दांत
दयित दितिज दुर्दम दहक, दम तोड़ें दिग्भ्रांत
दंग दंगई दबदबा,देख देवि-दक्षारि
दंभी-दर्पी दग्धकर, हँसे शिव-दनुजारि
दर्शन दे दो दक्षजा, दयासिन्धु दातार
दीप्तिचक्र दीननाथ दे, दिप-दिप दीपाधार
दीर्घनाद-दुन्दुभ दिवा, दिग्दिगंत दिग्व्याप्त
दिग्विजयी दिव्यांगना, दीक्षा दे दो आप्त
दिलावरी दिल हारना, दिलाराम से प्रीत
दिवारात्रि -दीप्तान्गिनी, दिल हारे दिल जीत
दया-दृष्टि कर दो दुआ, दिल से सहित दुलार
देइ! देशना दिव्या दो, देश-धर्म उपहार
- आचार्य संजीव सलिल |
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