एक जादू है पल-पल बारिश
ख्व़ाब की ताज़ा कोंपल बारिश
सात सुरों का दरिया इसमें
रिमझिम, छम-छम, कल-कल बारिश
एक ही चीज़ के नाम हैं कितने
आँखें, आँसूँ, बादल, बारिश
किसी की खातिर चाँदी-सोना
किसी की खातिर पीतल बारिश
यादों में महफ़ूज़ है अब तक
गाँव की गलियाँ, पीपल, बारिश
कभी-कभी बस्ती से बच कर
बरसी जंगल-जंगल बारिश
आँगन-आँगन नृत्य सजे हैं
बूँदें-बूँदे पायल बारिश
साजन ने परदेस चुना क्यों
कर न डाले पागल बारिश
हर सीने में आग छिपी है
सबको कर दे शीतल बारिश
भीग रहा है खेत में हरिया
जी भर बरसो मंगल बारिश
हम जैसे प्यासों से पूछो
है अमृत, गंगाजल बारिश
-दिनेश ठाकुर
3 सितंबर
2005
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