रक्षाबन्धन का गीत

सखि राखी का आया त्यौहार,
मिली हमें ख़ुशियाँ अपार
आज झूम झूम नाचे है मनवा
कि राखी का आया त्यौहार

अगर चन्दन से मैंने अँगना लिपाया
कंचन - कलश पर दीप जलाया
बाँधी द्वारे पे बन्दनवार
मिलीं हमें ख़ुशियाँ अपार
सखि राखी....

भाई - बहिन का रिश्ता निराला
पावन सा सुख देने वाला
बढ़े भाई- बहिन में प्यार
मिलीं हमें ख़ुशियाँ अपार
सखि राखी....

बहिना ने भाई के टीका लगाया
राखी बाँधी और दीप जलाया
भैया जीवे बरस हज़ार
हाँ, राखी आए सौ सौ बार
मिलीं हमें ख़ुशियाँ अपार

- शकुंतला बहादुर
९ अगस्त २०२०

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