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मौसम झूलों का
 

 

आया मौसम फूलों का।
कजरी का औ' झूलों का।

फूलों को जो बींध रहे,
नाम बता उन शूलों का।

मान सदा खुशबू का है,
कब होता है फूलों का?

अपना रिश्ता तो जैसे,
नदिया के दो कूलों का।

याद करूँ मैं तुझको ही,
दंड मिला किन भूलों का ?

साँस नचाती है ढाँचा,
हिलती-डुलती चूलों का।

पौधा कोई 'नया' रोपो,
नाम अमन हो फूलों का।

-- वी.सी. राय 'नया'
२८ जुलाई २०१४

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