सावन झूले
पड़े
भाई परदेश मे,
कैसे जश्न मनाएँ
जायें देश मे
माँ ने सोचा
पिता आयेंगे
पर वो गये नौकरी
बुआ आयेगी
राखी लेकर
पर हो गई डोकरी
बूढा बूढी
बच्चा बच्ची
युवा किशोरी
सव ही नये परिवेश में
छौड़ गये सब तैश मे
कैसे जश्न मनाये
जायें देश मे
सावन झूले पड़े
भाई परदेश मे
कैसे जश्न मनाये
जाये देश मे
-कमलेश कुमार दीवान
३० जुलाई २०१२ |