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तुम्हें नमन
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को समर्पित कविताओं का संकलन

 

राष्ट्रपिता

था हुआ जन्म गांधी का
भारत का भाग्य जगाने को
दे दी थी प्रभु ने शक्ति उन्हें
माँ की बेड़ी कटवाने को
किया स्वदेशी वस्त्र ग्रहण
प्रिय चर्खे को अपनाया था
माँ के बंधन तोड़ने का
यह बीड़ा हाथ उठाया था
ले शस्त्र अहिंसा का कर में
जग को सुख सत्य बताने को
सो गया लाल भारत का
भारत का भाग्य जगाने को।

-पुष्पा भार्गव

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