अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

 

          प्रकाश का पर्व दिवस


यह प्रकाश का पर्व दिवस है
दीप दिवाली है

एक अमावस के आँगन का
हुआ अँधेरा मौन
नाच रहा खुशियों का पर्वत
ढोल बजाए कौन
जले दीप की लौ सूरज के
लब की लाली है

मोबाइल के हेडफोन में
दीवाली-नवगीत
आसमान के अट्टहास के
तारों के संगीत
झालर का इतिहास बड़ा ही
गौरवशाली है

छोड़े बहुत पटाखे घर की
तेज़ हुई आवाज़
बहुरंगी राॅकेटों की है
सुरुचिपूर्ण परवाज़
सड़क किनारे तिरपालों का
बटुआ खाली है

- शिवानन्द सिंह 'सहयोगी'
१ नवंबर २०२४
 

अंजुमन उपहार काव्य चर्चा काव्य संगम किशोर कोना गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे रचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है