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          आयी दीपावली


आयी दीपावली देखो
आयी दीपावली

आँगन लिप गए, दीवारें पुत गईं
रंगोली से देहरी सज गई
रसगुल्ले और मिठाई बन गई
तोरण द्वार भी सज गए

बही खाता और कलम भी आ गए
शुभ लाभ और साथिया लिख गए
पूजा के अब थाल भी सज गए
हाथ जोड़ लक्ष्मी जी
की आरती गाएँ
धनधान्य समृद्धि बढ़ जाए
माता कृपा
तुम्हारी हो जाए
घर में सब मंगल हो जाए

हर कोने पर दीप जलाए
चारों ओर उजियारा छाए
दीपावली आयी देखो
दीपावली आयी
घर घर में खुशियाँ छायी
बच्चे मस्ती में झूम रहे हैं
पटाके फुलझड़ी चला रहे हैं
दीपावली आयी
देखो दीपावली आयी

- संजय सुजय बासल
१ नवंबर २०२४
 

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