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          दीपों का संसार


अवध द्वार आँगन जले दीपों का संसार
लौट राम वनवास से खुशियाँ रहे निहार

जीता जन विश्वास है सपन हुआ साकार
सरयू पर दीपक जले आस्था का आधार

दीप जले हर घर गली लौटे सीता-राम
है विशेष यह पर्व घर घर सुख का धाम

स्वर्गिक आभा भू बिछी प्रभु बरसाए फूल
जले अँधेरी रात में दीपक सरयू कूल

आदर्शों की ज्योति से भर उजास संस्कार
धर्म न्याय फैले धरा राम राज्य संसार

ले आई दीपावली खुशियों की बरसात
झूम रही हैं फुलझड़ी आज अँधेरी रात

आयी है कार्तिक अमा पाँच पर्व के संग
दीवाली तेरस खिले नया साल के रंग

खील बताशे दीप ले आया यह त्यौहार
लक्ष्मी पूजन जग करें आए श्री हर-द्वार

हुयी अवध शोभा बड़ी जगमग करे प्रकाश
सिय के राजा राम जी हर्षित भू -आकाश

- डॉ मंजु गुप्ता
१ नवंबर २०२४
 

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