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दीवाली त्यौहार |
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हर युग का आधार है,
दीवाली त्यौहार
मिटते सारे फासले, जुड़ जाते परिवार
राम खुशी में हैं बले, घर-दर सात्विक दीप
लौट अवध प्रभु आ गये, प्यारी प्रजा समीप
मूरत लल्ला राम की, अवध विराजी धाम
मंगल गाएँ भक्तजन, जपते प्रभु का नाम
नन्हा दीया बन सके, सूरज के न समान
पर उसका साहस बड़ा, रौशन करे जहान
लगे टूटने हौंसले, जला आत्मबल दीप
मन तम डर तब भागता, दिखती राह समीप
कृष्ण पक्ष कार्तिक अमा, सजे दिवाली पर्व
चौक पूर पूजा करें, संस्कृति श्री पर गर्व
स्वागत लक्ष्मी का करें, भर देगी भंडार
रखना दर को खोल के, आए माँ घर-द्वार
- डॉ. मंजु गुप्ता
१ नवंबर २०२३ |
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