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फुलझड़ियों के नृत्य |
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जगमग-डगमग झालरें,
दीपों का संसार।
फुलझड़ियों के नृत्य का, जता रहे आभार॥
लक्ष्मी-गणेश अवतरित, फैला भक्ति प्रकाश।
दीपोत्सव की फुलझड़ी, नमन करे रख आस॥
त्रेतायुग को जी रही, दीपों की हर सेज।
रामनाम जपता सदा, फुलझड़ियों का तेज॥
कंदीलों के नाम है, फुलझड़ियों की धूम।
देती है शुभकामना, नभ-आँगन में घूम॥
फुलझड़ियों की मित्रता, रखती हृदय विशाल।
जोश-होश-किलकारियाँ, सब हों मालामाल॥
प्रेम फुलझड़ी से करे, दीवाली की रात।
करती है मिष्टान्न ले, जाग-जाग कर बात॥
- कुमार गौरव अजीतेन्दु
१ अक्टूबर २०२२ |
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