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जगमग जगमग फुलझड़ी |
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बच्चे, बूढ़े,
चिर-युवा, सभी वर्ग में खास
भाँति भाँति की फुलझड़ी, मिलती सब के पास
1
दीपों के त्योहार में, फुलझड़ियों का जोर
बच्चों का तो ठीक है, बड़े भी माँगें मोर
1
टिम टिम तारों सा लगे फुलझड़ियों का रूप
ज्यों बादल की ओट से झिलमिल झिलमिल धूप
1
फुलझड़ियों के नाम पर, दीप-पर्व पर क्रोध
अधिक प्रदूषण हो रहा, कह कर करें विरोध
1
जगमग जगमग फुलझड़ी, सुतली बम घनघोर
चिटपिट-चिटपिट बज उठीं, कुछ लड़ियाँ कमजोर
1
- दिगंबर नसवा
१ अक्टूबर २०२२ |
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