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         मन भी कुछ दीवाली कर

बाहर की जगमग कर लेकिन -
मन भी कुछ दीवाली कर

बाहर दीपक जला साथ में -
मन का तम भी, रोशन कर
ख़ुशियों वाले खील बताशे -
बाँट सभी की, झोली भर
बुझते चेहरों को फुलझड़ियों -
वाले रंग गुलाली कर

किसी झोपड़ी की देहरी पर -
हँसते गाते, दीप जला
खोली वाले बच्चों के संग -
बम पटाखे, खूब चला
कुछ उदास ओठों पर मीठी -
मुस्कानों की लाली कर

उत्सव तो, साझा होता है -
सबसे ख़ुशियाँ, साझा कर
तू बन हीर मस्त मौसम की -
उसको अपना, राँझा कर
सूखे मन के खेत रहे ना, झूम -
उठे हरियाली कर

- कृष्ण भारतीय

१ नवंबर २०२०
 

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