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     1  क्या लिखा अमावस ने

क्या लिखा अमावस ने कोरी दीवार पर
सुस्त सा दिखे जुगनू
बैठा हुआ तार पर

छींके में अम्मा ने रखा दूध भात है
फुलझड़ियाँ छोड़ रहे रौशन ये रात है
गेंदे की सज रहीं
हैं लड़ियाँ द्वार पर

आँगन में रंगोली किसने है खींच दी
मौसम की धोती भी पुरवा ने फींच दी
‘फुलवा’ भी रीझ गई
मोती के हार पर

लड्डू का भोग लगे एकदंत वाले को
लक्ष्मी-गणेश नमन आपके सहारे को
खील और बताशे मैं
मुदित आज वार कर

लक्ष्मी-गणेश की पूजा कर ध्यान कर
रोली और चन्दन से मन से श्रंगार कर
दुनिया भव सागर है
इसको तू पार कर

- आभा सक्सेना दूनवी

१ नवंबर २०२०
 

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