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     श्रीराम के स्वागत का त्योहार

मना रहा इस देश का, हर सात्विक परिवार।
पुरुषोत्तम श्रीराम के, स्वागत का त्योहार।

भूमि अवध की धन्य है, पावन और पवित्र,
दशरथ के परिवार में, हुआ राम अवतार।

विजय-पर्व यह शौर्य का, निष्ठा का संकल्प,
जगमग-जगमग कर रहा, दीपों से हर द्वार।

आज अयोध्या धाम में, घर-घर गूंजे गान,
सरयू तट पर दीप ले, उमड़ी भीड़ अपार।

सबके मन में प्रेम से, जलते मंगल दीप,
उमड़ा है उत्साह का, अद्भुत पारावार।

अँधियारा जाता नहीं, जबतक मन से दूर,
कैसे उजियारा करे,अंतस से सत्कार?

पावन पर्व प्रकाश का, आता है हर वर्ष,
लिये बधाई जीत की, करने जय-जयकार।

- मधुसूदन साहा

१ नवंबर २०२०
 

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