दीप खुशियों के जलाएँ आ गयी
दीपावली
पर्व हिल मिल कर मनाएँ आ गयी दीपावली
साफ करलें घर के हर कोने मगर ये भी सुनें
मैल मन का भी हटाएँ आ गयी दीपावली
गौरी नन्दन और लक्ष्मी जी का हम पूजन करें
द्वार पर तोरण लगाएँ आ गयी दीपावली
इस धरा से उस गगन तक रौशनी है सब जगह
सज गईं हैं अल्पनाएँ आ गयी दीपावली
फूलझड़ियाँ और चकरी खूब आतिशबाजियाँ
आओ हम मिलकर चलाएँ आ गयी दीपावली
बन रहीं बर्फी कचौरी और लड्डू मठरियाँ
माल पूए भी बनाएँ आ गयी दीपावली
सब दिशाओं में भरा संगीत हो बस प्रेम का
नफ़रतें से मिटाएँ आ गयी दीपावली
- रमा प्रवीर वर्मा
१ नवंबर २०१८ |