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दिवाली में

   



 

देश के धन को देश में रखना
नहीं बहाना नाली में
मिट्टी वाले दिये जलाना
अबकी बार दिवाली में

बने जो अपनी मिट्टी से वो
दिये बिकें बाजारों में
छुपी है वैज्ञानिकता अपनी
सभी तीज त्यौहारों में
राष्ट्र हितों का गला घोंटकर
छेद न करना थाली में

चीनी झालर से आकर्षित
कीट पतंगे आते हैं
जबकि दिये में जल बरसाती
कीड़े सब मर जाते हैं
कार्तिक दीपदान से बदले
मित्रदोष खुशहाली में

रूपचंद्र शास्त्री मयंक
१ अक्तूबर २०१७

   

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