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कल के दिया आज ही बिक गए

   



 

आज बहुरिया रमुआ की पागल -
हुइ हँस हँस के
कल के दिया आज ही बिक गये -
पूरे दो सौ के

रमुआ चीख़ो सुबह सबेरे -
काहे ढेर भरौ
कल को माल आज क्यूँ लादूँ -
सिर नाही फिरवौ
और माल जब सबैं बिक गयो -
नोट भरे कस के
कल के दिया आज ही बिक गये -
पूरे दो सौ के

अभी एक दिन और बची है -
जा उजयाली की
कल फिर गर किरपा हो जावै -
बड़ी दिवाली की
हम भी खुसी मना लिंगे बचवन संग -
रच बस के
कल के दिया आज ही बिक गये -
पूरे दो सौ के

- कृष्ण भारतीय
१ अक्तूबर २०१७

   

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