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आ रही दीपावाली

   



 

दीप घर घर में जलाने आ रही दीपावली
पर्व खुशियों का मनाने आ रही दीपावली

दुष्ट रावण का दलन कर लौटते प्रभु राम घर
जीत अभिनन्दन कराने आ रही दीपावली

हैं सभी जगमग प्रफुल्लित धाम दर अंतःकरण
फिर सितम के तम मिटाने आ रही दीपावली

उल्लसित हैं सब उमंगित खूब आतिशबाजियाँ
द्वार घर तोरण सजाने आ रही दीपावली

कालिमा होती पराजित देख है लज्जित अमा
हर तमस को फिर हराने आ रही दीपावली

सब करीने से सुसज्जित झोपड़ी घर या महल
देवि लक्ष्मी को रिझाने आ रही दीपावली

पक रहे पकवान ले मिष्ठान्न सब उपहार दें
स्वर्ग सा वैभव दिखाने आ रही दीपावली

है पुरातन संस्कृति यह नारियाँ तो पूज्य हैं
मान अबला का बताने आ रही दीपावली

भूख भय छल पाप से हो मुक्त 'हरि' वातावरण
हर अकिञ्चन को जगाने आ रही दीपावली

- हरिवल्लभ शर्मा 'हरि'
१५ अक्तूबर २०१६
   

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