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मंगल गान करें

   



 

मंगल गान करें

हर दीपक में जोत शुभंकर
किरण किरण में जीवन निर्झर
मिल जुल आज भरें

स्वस्ति ऋचाओं की रंगोली
हल्दी चन्दन अक्षत रोली
घर घर चलो धरें

धरती से उस दूर गगन तक
सुमन सुमन फूलें निष्कंटक
बन सुवास बिखरें

सत्यम शिवम् सुन्दरम के स्वर
विमल बुद्धि निर्भय अभ्यंतर
जन जन में निखरें

रिद्धि सिद्धि अनुराग छंद बन
सुख सुभाग के राग चिरंतन
झर झर नित्य झरें

- सीमा अग्रवाल
१ नवंबर २०१५

   

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