आ
गयी इस वर्ष भी दीपावली
गुनगुनाएँ राम की चरितावली
राम के आगमन पथ पर व्यग्र सी
दास तुलसी की खड़ी कवितावली
दीप की झिलमिल से पुलकित हो रही
निशि अमावस की सलोनी सावली
प्रजाजन और परिजनों से भेंट कर
हो रही सीता सुहागन बावली
हैं प्रकाशित दीप में स्तुति के स्वर
दास तुलसी गा रहे विरुदावली
ज्योति का ये पर्व शुभ हो आपको
तिमिर पथ में जग उठे तारावली
- भारत भूषण जोशी
२० अक्तूबर २०१४ |