|
काश,
एक दिवाली ऐसी सजाऊँ
जिसमें साफ धुला हो
दिल का फर्श
दीवारों पर हो ख़ुशी का
चटक रंग
और हवाओं में हो प्यारी सी महक
काश, एक दिवाली ऐसी मनाऊँ
जब दिल में सजे उमंग के दीए
और बोलों में फूटे
रस भरे पूए
काश,
एक दिवाली दिल की मनाऊँ
हँसती हो फुलझड़ी
हृदय से मेरे
उछले सितारे नसीब को लिये
काश,
दीवाली ऐसी मनाऊँ
आँखों में समाए चिरागों की चमक
और सजे रंगोली सपनों की
- प्रवीणा जोशी
१२ नवंबर २०१२ |