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दीप धरो
वर्ष २०१२ का दीपावली संकलन

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चरण धरो दीवाली



 

भीतर बाहर हो उजियाली
ऐसे चरण
धरो दीवाली।

बिम्ब हुए जो मैले मैले
जितने भी सम्बन्ध कसैले
बनें बताशों की ज्यों थाली
पावन चरण
धरो दीवाली।

माटी को नव इतिहास मिले
खोया है जो मृदुहास मिले
पूरित सुधा पुरातन थाली
ऐसे चरण
धो दीवाली।

ज्योति बीज बोएँ हम अँगना
धरा गगन सबको तुम रँगना
नेह निखिल की हो रखवाली
ऐसे चरण
धरो दीवाली।

--निर्मला जोशी
१२ नवंबर २०१२

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