जगमग करते दीपो का
त्यौहार मनाएँ
भूल के शिकवे दुश्मन को भी मीत बनाएँ
जो गुमराह हुए नफरत की राह में भटके
बनके रहबर उनको प्यार की राह दिखाएँ
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई है सब भाई
इक दूजे के साथ सभी त्यौहार मनाएँ
जब हम सब को एक बनाया मालिक ने
फिर क्यों लड़ना आपस में फिर क्यूँ टकराएँ
दूर अँधेरा कर जो दिल को रौशन कर दे
आज "सिया" वह ऐसा प्यारा दीप जलाएँ
सिया सचदेव
२४ अक्तूबर २०११ |