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कौन सी दिवाली की
बात करूँ ?
ढेरों दिवालियाँ कतार में खड़ी हैं
कोई बनारस की, तो कोई मध्य प्रदेश की
कोई मुम्बई की, तो कोई मलेशिया की
और फिर कोई अमेरिका की
सबकी ज़ेहन
में एक अलग सी तस्वीर है !
पीछे से आगे जाऊँ
या आगे से पीछे आऊँ
सोच नहीं पाती हूँ
लडखडा सी जाती हूँ !
हार दिवाली में
दिमाग की एक नस फटती है
और उस लहू से
रंग लेती हूँ दिवाली को
और उसके शोर में
पटाखे सुना करती हूँ !
रेखा मैत्रा
२४ अक्तूबर २०११ |