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दीप धरो
वर्ष २०१० का दीपावली
संकलन |
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एक दीया
इस बार
जब आप
दीवाली के दिए जलाएँ
तो एक दिया
उन के नाम का भी जलाएँ
जो हाथों में मशालें पकड़
काफिलों के आगे हो चले !
हक और सच की जीत की खातिर
हुकूमतों से लड़े
और आने वाली पीढ़ियों का
रास्ता सँवारने के लिए
सूलियो पर चढ़े !
एक दिया उनके नाम का भी जलाना
जिनकी कुर्बानियों की
कभी भी ,किसी ने भी चर्चा न की
जिनके परिवार वालों ने
उनकी दी कुर्बानियों की खातिर
ज़ुल्म सहे
और उत्सर्ग किया !
इस दीवाली में
उनके नाम का बस
एक दिया जगा देना
बस एक दिया !
--सुरजीत कौर
१ नवंबर २०१० |
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