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दीप धरो
वर्ष २०१० का दीपावली संकलन |
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नेह के दीप
सुखमय
हो संसार हमारा, आओ प्रीति बढ़ायें
गेह-गेह में सभी नेह के, आओ दीप
जलायें
हर आँगन में प्रेम-प्रीति के, ज्यों
ही दीप जलेंग
ऊँच-नीच के भेदभाव भी, अपने आप
मिटेंगे
तन गुलाम ना मन गुलाम हो, जीत हमेशा
पायें
गेह-गेह में सभी नेह के, आओ दीप
जलायें
व्देष-ईर्ष्या को धो डालें, मन
उज्ज्वल हो जाये
अपने हित के साथ-साथ ही, परहित भी मन
भाये
हिंसा पर हो जीत अहिंसा की ये नीति
बनायें
गेह-गेह में सभी नेह के, आओ दीप
जलायें
आतंकवाद के गहरे तम को अब दुनिया से
छाँटें
जिनके मन कडुए-खट्टे हैं, उन मिठास ही
बाँटें
होइ शांत नफरत की ज्वाला, ऐसा नीर
पिलायें
गेह-गेह में सभी नेह के, आओ दीप
जलायें
--सन्तोष कुमार सिंह
१ नवंबर २०१० |
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