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दीप धरो
वर्ष २०१० का दीपावली संकलन

आस किरणें

आस किरणें बह चलें
खुशियों की बातें कह चलें
ज्योतिर्मय हो
मन लहराए
आओ दीपक एक जलाएँ

निशा दिवस बन जाए
घटा हँसी की छाए
बरसे सुख-जस
सभी नहाएँ
आओ दीपक एक जलाएँ

ज्ञान का आलोक हो
निर्भय बनें नहिं शोक हो
आशा की हम
नदी बहाएँ
आओ दीपक एक जलाएँ

विघ्न सब गणपति हरें
लक्ष्मी सुवासित घर करें
तोरण से हर
द्वार सजाएँ
आओ दीपक एक जलाएँ

--रचना श्रीवास्तव
१ नवंबर २०१०

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