१
मनी दीवाली
बाग-बगीचों में भी
जुगनू संग ।
२
उठती नहीं
लौ अब चिरागों से
सूखे हैं दिए ।
३
अँधियारे की
उजियारे के आगे
टूटती साँसे ।
४
रखती रही
अँधेरी अटारों पे
रोशनी मोती ।
५
रूठा अँधेरा
लड़ा चाँदनी संग
छोड़ा है साथ ।
६
दौड़ता रहा
रात भर अँधेरा
देख चाँदनी |
७
फैला प्रकाश
इन्द्रधनुष जैसे
देखो ना कैसे ।
८
चाँद बेचारा
देख दीपशिखायें
मुँह छुपाये ।
९
दीप कतारें
चमकीले सितारे
अँधेरा हारे ।
१०
दीये सजाओ
दूर करो सारा ही
ये अँधियारा ।
११
मिटा न सका
गम का अँधियारा
नन्हा दीपक ।
१२
चारों तरफ
फैला है अँधियारा
टूटे हैं दीए। |