मकर राशि में सूर्य ने, फिर
से किया प्रवेश
हँसी-खुशी सब कीजिये, अपना कार्य विशेष
मैं प्राची की लालिमा, तुम
हो प्यारी भोर
मैं पतंग तुम डोर सम, ले जाओ जिस ओर
सदाचार की डोर हो, और व्यवस्थित ढंग
उड़े गगन में आपकी, नैतिक एक पतंग
दिनकर नभ पे आ रहे, चली हवा सानंद।
अलि-दल लेने चल पड़ा, फिर मधुमय मकरंद
देनें में ही सुख सदा, कुछ भी करिये दान
और पाइये सर्वदा, इक स्नेहिल वरदान
प्रतिपल जुड़ता ही दिखे, एक नवल अध्याय
सदा दिखे हर ढंग से, त्योहारों सँग न्याय
- राम शिरोमणि पाठक
१५ जनवरी २०१७ |