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            शुभ परिवर्तन

 
सूर्य उत्तरायण हुआ नित-नित बढ़े प्रकाश
शुरू हुए शुभ कार्य सब सजा मनोहर साज

फसल कटी, छलकी खुशी. संक्रान्ति की धूम
पूरे भारतवर्ष में त्योहारों की गूँज
तिल, खिचड़ी, घी, वस्त्र का करें सभी जन दान
जो अभाव वश त्रस्त हैं उनका हो कल्याण

पंजाबी में 'लोहड़ी' केरल 'पोंगल' नाम
महाराष्ट्र 'तिल गुड़' कहें 'खिचड़ी' उत्तर धाम
असम: 'माघ-बीहू' कहें बंगाल: 'पौष सन्क्रान्ति'
उत्तराखण्ड: उत्तरायणी उत्तर में संक्रान्ति

विविध रंग की तितलियों सी, हैं उड़ें पतंग
छटा इन्द्रधनुषी, गगन मुदित सर्व जन वृन्द
नदियों के तट पर लगे मेलों में आनन्द
लोग नहा कर दान दें याचक करें प्रसन्न

ढोल, शंख ,घंटे बजें हो, फूलों की वृष्टि
मन्दिर; पूजन, ध्यान कर, पाते स्व - संतुष्टि
हैं संक्रान्ति मना रहे, चाहें सबका क्षेम
त्योहारों में एकता, बढ़े आपसी प्रेम

- उषा अवस्थी
जनवरी २०२४

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