मुल्क अपना सदा यूँ सलामत रहे
आबरू और अमन की हिफाज़त रहे
तेरी राखी बहन है मेरा हौसला
देश पर मरने की दिल में हसरत रहे
ऐ हिमालय ! तेरा सर झुकेगा नहीं
तेरी ललकार पर सर कटा देंगे हम
जब तलक दम में दम हमको तेरी कसम
देश पर हँसके जां भी लुटा देंगे हम
देश भगवान है-देश मजहब मेरा
हम करेंगे वतन की इबादत सदा
हम जियेंगे -मरेंगे वतन के लिए
याद रखेंगे राहे शहादत सदा
हिंद की शान में मरना आता हमें
वक़्त आने पे ये फ़न दिखा देंगे हम
जब तलक दम में दम हमको तेरी कसम
देश पर हँसके जां भी लुटा देंगे हम
जाति भाषा-धरम हो भले ही जुदा
पर अटल एकता एक चट्टान है
सिक्ख -ईसाई हो हिन्दू - मुसलमां कोई
हिंदी हैं हम-हमारी ये पहचान है
हिंद के दुश्मनों सुन लो एलान ये
तेरा नामों-निशां तक मिटा देंगे हम
जब तलक दम में दम हमको तेरी कसम
देश पर हँसके जां भी लुटा देंगे हम
टुकड़े-टुकड़े हो जाए हमारा ये तन
पर वतन टुकड़े हो-ये गंवारा नहीं
अपनी धरती है लाखों-करोड़ों की माँ
जब तलक हम हैं-ये बेसहारा नहीं
मापतपुरी वतन दिल औ ईमान है
इसकी रक्षा में तन-मन लुटा देंगे हम
जब तलक दम में दम हमको तेरी कसम
देश पर हँसके जां भी लुटा देंगे हम
-- सतीश मापतपुरी
६ अगस्त २०१२
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