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दोगे मेरा साथ

 

अब की सावन भैया तुमसे
माँगूँ इक सौगात
कब से मन में ठानी मैंने
कह दूँ वो ही बात

खिन्न दुखी रहती हूँ भैया
देख देश का हाल
बिटिया-बहना नन्हीं-मुन्नी
पूछें कई सवाल

किस-किस से वे बची फिरें, कब
कौन लगाए घात

दुष्कर्मों से भरी सुर्खियाँ
खबर मचाए शोर
गली सड़क पर पाप पनपता
पापी का बल जोर

बंद पड़े हैं द्वार न्याय के
रक्षक मलते हाथ

सौंह दे रही भैया तुमको
ऐसी मुहिम चलाओ
नष्ट करो हर बीज बुराई
कुछ विश्वास दिलाओ

रक्षा-बंधन तभी मनाऊँ
दोगे मेरा साथ

- शशि पाधा
१५ अगस्त २०१६

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