आया देखो
रंगबिरंगी
राखी का त्यौहार
बहन हाथ में हिना रचाकर
मैके को तैयार
राखी ले कर आए बहना
भाई निहारे द्वार
छलक रहा है मन ही मन में
प्यार व लाड़-दुलार
रेशम-धागों में बाँधा
विश्वास भरा इजहार
लाती है बहना भाई हित
मनमोहक उपहार
भाई पुलकित होता जाए
राखी-डोर निहार
रोली कुमकुम रचे लगे ज्यों
कोई राजकुमार
बहन निहारे भाई को जी-
भर कर नजर उतार
भाई रूठ जाय तो बहना
करती है मनुहार
लेती नेग, न रहती पीछे
बहना का अधिकार
प्रेम और विश्वास खरा है
राखी का आधार
नहीं जानता कोई कब से
शुरू हुआ त्यौहार
सदियों से है चली परम्परा
आए
बारम्बार
- प्रेरणा गुप्ता
१५ अगस्त २०१६ |