देहरी सजाई
तेरी सारे ही त्यौहार पिया
एक ये त्यौहार मोहे, पीहर मनाने दे
बाबा मेरा बूढ़ा और, भाई मेरा बाला अभी
सजना तू आज मोहे, मैया घर जाने दे
सावन की लगी झड़ी, मैया बाट देखे खड़ी
रीत चली आई है जो, मुझे भी निभाने दे
बाबा होगें खोये खोये, भैया चुपचाप रोये
भाई की कलाई मेरी, रखिया सजाने दे
घिर घिर मेघ आए, प्रीत का संदेस लाए
नेह की फुहारों में तू, मुझे भीग जाने दे
मोर नाचे बेकरार, पपीहा करे पुकार
बाँवली तू प्रेम गीत, मुझे भी तो गाने दे
बँधे झूले द्वार द्वार, कान्हा करें मनुहार
राधिका मेरी तू मुझे, झूले बँधवाने दे
बरस में एक बार, सावन खड़ा है द्वार
सजनी सावन मुझे, संग में मनाने दे
- सीमा हरिशर्मा
१५ अगस्त २०१६ |