शुभ-मंगल की
कामना, राखी का वरदान
भाई के मणिबंध पर, बहन बाँधती प्राण
बहन बाँधती प्राण, ईश से माँगे खुशियाँ
फूल-फले परिवार, वही तो उसकी दुनिया
बना रहे बस साथ, कभी भी ना हो दंगल
मन से करती 'रीत', कामना बस शुभ-मंगल
कच्ची डोरी हाथ पे, बाँधे नेह अपार
सबसे पावन औ बड़ा, बहना-भाई प्यार
बहना-भाई प्यार, और विश्वास के तागे
नाता रहे अटूट, न कुछ भी इसके आगे
रिश्तों को दे मान, कमी ना रखना थोरी
अपनों का संसार, बाँधती कच्ची डोरी
रेशम की डोरी लिये, बहना दे आशीष
भैया चंदा, सूर्य सा, रहे चमकता शीश
रहे चमकता शीश, करे जग में उजियारा
भईया मेरे चाँद, मायका तुम सँग प्यारा
वो बचपन के खेल, हँसी वो मस्तीखोरी
बहना आई 'रीत', लिये रेशम की डोरी
- परमजीत 'रीत'
१५ अगस्त २०१६ |