फिर बदलेगी अयोध्या

 
यूँ तो तुम
जानते ही होगे राम कि
अब बदल गयी है
तुम्हारी अयोध्या
और बदल गये हैं
सारे समीकरण।

अब नहीं रहा
वह समभाव
जिसकी नीव
डाली थी तुमने।

न्र और वानर में
बिठाकर सामंजस्य
रच दिया था तुमने
एक नया इतिहास।

मगर निःशेष
नहीं हुआ है सब कुछ
अभी भी शेष है
चुटकी भर आशा।

वो देखो
उस मंच पर
एक बालक ने
धरकर तुम्हारा रूप
लिया है संकल्प।

अब फिर बदलेगी अयोध्या
और बदल जायेंगे
सारे समीकरण।

- उर्मिला शुक्ला
२२ अप्रैल २०१३

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